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वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले हैनी बाबू की गिरफ्तारी के मायने
- Author(s):
- Pramod Ranjan (see profile)
- Date:
- 2020
- Group(s):
- Public Humanities, Sociology
- Subject(s):
- Ambedkar, B. R. (Bhimrao Ramji), 1891-1956, India--Koregaon
- Item Type:
- Article
- Tag(s):
- हैनी बाबू, साईं बाबा, भीमा कोरेगांव, अन्य पिछड़ा वर्ग, ओबीसी
- Permanent URL:
- https://doi.org/10.17613/5cp5-mh65
- Abstract:
- एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में साई बाबा ने बताया था कि हैदराबाद में “मेरा राजनीतिक जीवन मंडल आयोग और आरक्षण की लड़ाई से शुरू हुआ।” जिसमें वसंथा भी उनके साथ शामिल थीं। उसी दौरान मार्च, 1991 में उन्होंने विवाह भी किया। वह लड़ाई वे आजीवन लड़ते रहे। इसी प्रकार हैनी बाबू ने भी अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की अनेक बड़ी लड़ाईयां, जिस प्रकार बिना किसी आत्मप्रचार के, बहुत धैर्य और परिश्रम से लड़ीं और जीतीं वह अपने आप में एक मिसाल है। हैनी बाबू और साई बाबा जैसे लोगों द्वारा किए गए संघर्ष और उनकी प्रताड़ना का का यह एक ऐसा पहलू है, जिस पर प्राय: नजर नहीं जाती।
- Notes:
- यह लेख दलित दस्तक पत्रिका की वेबसाइट पर 30 जुलाई 2020 को प्रकाशित हुआ था। इस लेख का मूल शीर्षक था: "सामाजिक और बौद्धिक पूँजी के आईने में हैनी बाबू की गिरफ्तारी"। इसी शीर्षक से यह लेख अन्यत्र कई जगहों पर प्रकाशित हुआ है। उनमें से कुछ को यहां देखा जा सकता है। डुगडुगी: https://dugdugee.in/opinion/2020/07/hany-babu-nia-arrest/ मीडिया विजिल: https://mediavigil.com/op-ed/blog/hanee-babus-arrest-in-the-mirror-of-social-and-intellectual-capital/
- Metadata:
- xml
- Published as:
- Online publication Show details
- Pub. URL:
- https://www.dalitdastak.com/the-meaning-of-the-arrest-of-hanny-babu-who-fought-for-the-rights-of-the-underprivileged/
- Pub. Date:
- 2020
- Website:
- दलित दस्तक
- Section:
- Opinion
- Status:
- Published
- Last Updated:
- 4 months ago
- License:
- Attribution-NonCommercial
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Item Name: सामाजिक-और-बौद्धिक-पूँजी-के-आईने-में-हैनी-बाबू-की-गिरफ्तारी.pdf
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